Book : भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य - 2
Class : 12th , NCERT Solutions
Chapter : 2. आंकड़ों का प्रक्रमण
अभ्यास :
प्र ० 1. निम्नांकित चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए
( i ) केंद्रीय प्रवृत्ति का जो माप चरम मूल्यों से प्रभावित नहीं होता है वह है
( क ) माध्य
( ख ) माध्य तथा बहुलक
( ग ) बहुलक
( घ ) माध्यिका
( ii ) केंद्रीय प्रवृत्ति का वह माप जो किसी वितरण के उभरे भाग से हमेशा संपाती होगा वह है
( क ) माध्यिका
( ख ) माध्य तथा बहुलक
( ग ) माध्य
( घ ) बहुलक
( iii ) ऋणात्मक सहसंबंध वाले प्रकीर्ण अंकन में अंकित मानों के वितरण की दिशा होगी
( क ) ऊपर बाएँ से नीचे दाएँ
( ख ) नीचे बाएँ से ऊपर दाएँ
( ग ) बाएँ से दाएँ
( घ ) ऊपर से दाँए से नीचे बाएँ
प्र ० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
( i ) माध्य को परिभाषित कीजिए ? :
➤किसी चर / मद के विभिन्न मूल्यों का साधारण अंकगणितीय औसत माध्य कहलाता है ।
👉यह अधिकतम न्यूनतम मूल्यों / मानों के बीच एक स्थिर मूल्य होता है ।
( ii ) बहुलक के उपयोग के क्या लाभ हैं ?
उत्तर :
👉किसी श्रेणी में जिस मान / मूल्य की सबसे अधिक पुनरावृत्ति होती है वह मान बहुलक कहलाता है ।
👉बहुलक में वे मान महत्वपूर्ण होते हैं जिनकी पुनरावृत्ति सर्वोधिक बार हुई है ।
👉ये मान प्रायः श्रेणी के मध्य में होते हैं ।
👉अतः बहुलक पर श्रेणी के चरम मूल्यों / मानों का प्रभाव नहीं पड़ता।
( iii ) प्रकीर्णन किसे कहते हैं ?
उत्तर :
👉दो चरों के बीच विशिष्ट सह संबंध अथवा साहचर्य को दर्शाने के लिए बनाए गए रेखा - चित्रों को प्रकीर्ण आरेख अथवा प्रकीर्ण अंकन कहते हैं ।
👉इस रेखाचित्र पर X तथा मानों का बिखराव प्रकीर्णन कहलाता है ।
( iv ) सहसंबंध को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर :
👉कुछ भौगोलिक परिघटनाओं के परिणाम ज्ञात करने के लिए दो या अधिक चरों के बीच साहचर्य अथवा पारस्परिक निर्भरता , उनकी प्रकृति , दिशा व गहनता का अध्ययन ही सहसंबंध है ।
( v ) पूर्ण सहसंबंध किसे कहते हैं ?
उत्तर :
👉सहसंबंध की दिशा व गहनता का विस्तार किसी भी परिस्थिति में 1 से अधिक नहीं हो सकता ।
👉सहसंबंध पूरी 1 ( एक ) होने पर ( चाहे धनात्मक हो या ऋणात्मक ) इसे पूर्ण सहसंबंध कहा जाता है ।
( vi ) सहसंबंध की अधिकतम सीमाएँ क्या हैं ?
उत्तरः
👉सहसंबंध की अधिकतम सीमाएँ -1 से लेकर +1 के बीच कुछ भी हो सकती है ।
👉यह जितना शून्य ( 0 ) के समीप होगी सहसंबंध उतना ही कमजोर होगा तथा जितना 1 के पास होगी सहसंबंध उतना ही प्रगाढ अथवा संघन होगा ।
प्र ० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए |
( i ) आरेखों की सहायता से सामान्य तथा विषम वितरणों में माध्य , माध्यिका तथा बहुलक की सापेक्षिक स्थितियों की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर :
👉सामान्य वितरण की विशेषता है कि इसमें माध्य , माध्यिका तथा बहुलक का मान समान होता है क्योंकि सामान्य वितरण सममित होता है ।
👉इसमें अधिकतम आवृत्ति का मान , वितरण के मध्य में होता है तथा इस बिंदू से आधी इकाईयाँ ऊपर व आधी नीचे होती हैं । अति उच्च तथा अति निम्न मूल्यों की बारंबारता बहुत ही कम होती हैं ।
👉सामान्य वितरण वक्र आवृत्तियों को प्रदर्शित करने वाला रेखाचित्र घंटाकार वक्र कहलाता है ।
👉सामान्य वक्र में आंकड़ों की परिवर्तनशीलता कम अथवा अधिक हो सकती है ।
👉निम्न मूल्यों की आवृत्तियाँ अधिक तथा अधिक मूल्य की आवृत्तियाँ कम है ।
👉इस स्थिति में पहले बहुलक , फिर माध्यिका तथा अंत में माध्य आता है ।
👉इसमें कम मूल्य की आवृत्तियाँ कम तथा अधिक मूल्य की आवृत्तियाँ अधिक होती हैं ।
👉इस स्थिति में पहले माध्य , फिर माध्यिका तथा अंत में बहुलक आता है ।