विशेष रिपोर्ट। पानी का संकट पर विशेष रिपोर्ट। अति लघु उत्तरीय प्रश्न।

Class : 11th & 12th

Type : NCERT Most Important Question Answer


विशेष रिपोर्ट

पानी का संकट
पहल का इंतजार

         कुएँ भले ही अतीत की चीज हो गए हैं, लेकिन फिलहाल वे हमारे भविष्य के अंदेशे को बता रहे हैं। देश में चार हजार कुओं पर किए गए अध्ययन से यह साबित हुआ कि सात साल में देश के भूजल में 54 फ़ीसदी की कमी हो गई है और 22 शहर गंभीर जल-आपूर्ति संकट से गुजर रहे हैं। नासा के 2003 से 2013 तक के अध्ययन पर आधारित हाल के आँकड़ों के अनुसार सिंधु बेसिन जल-स्तर -4.263 मिलीमीटर प्रतिवर्ष और गंगा-ब्रहमपुत्र बेसिन में जल-स्तर -19,564 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर से कम हो रहा है।
नासा के उपग्रहों की हाल में जारी तस्वीरों ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। इनके मुताबिक भारत-पाकिस्तान में सिंधु नदी के बेसिन क्षेत्र यानी उत्तर-पश्चिम भारत में भूजल तेजी से कम हो रहा है। उसने अपने उपग्रहों की तस्वीरों के आधार पर एक अध्ययन 2009 में भी जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि सिंचाई के कारण उत्तर भारत के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली में 108 क्यूबिक किलोमीटर भूजल खत्म हो गया है। ये आँकड़े 2002 से 2008 के बीच के थे। तब से निश्चित रूप से यह संकट अब और गंभीर हुआ है।
नासा के जुड़वाँ उपग्रहों ग्रेविटी रिकवरी और क्लाइमेट एक्सपेरिमेंट (ग्रेस) ने पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में कुछ परिवर्तन महसूस किए। इनकी वजह जल-वितरण के तरीके में छिपी मिली। इसमें भूजल भी शामिल है। नासा ने पाया कि उत्तर भारत में भूजल तेजी से खत्म हो रहा है। मैट रोडेल की अगुवाई में हुए अध्ययन के मुताबिक उत्तर भारत कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए सिंचाई पर निर्भर हो गया है। यदि भूजल के संतुलित उपयोग के कदम नहीं उठाए गए तो क्षेत्र के 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे। कृषि पैदावार में कमी आएगी और पीने योग्य पानी की किल्लत बढ़ेगी।

           संकट उतना जल का नहीं है, जितना जल-नीतियों का खड़ा किया हुआ है। भूजल स्रोतों का अंधाधुध दोहन हो रहा है। देश के राजनीतिज्ञ बड़े वोट बैंक को खुश रखने के लिए ट्यूबवेल जैसे उपकरणों और बिजली जरूरतों पर बड़े पैमाने पर सब्सिडी दे रहे हैं। हरित क्रांति की शुरुआत से ही मिली इस छूट के कारण भारत में भूजल सिंचाई बहुत तेजी के साथ बढ़ी है। जब बरसात पर्याप्त नहीं होती तो यह निर्भरता और बढ़ जाती है।

          जुलाई 2012 में भारत की कुल जनसंख्या का आधा यानी 67 करोड़ (दुनिया की आबादी का 10 प्रतिशत) लोगों को ग्रिड फेल होने की वजह से बिजली संकट से जूझना पड़ा था। विशेषज्ञों ने इसकी वजह उत्तर भारत में सूखे को ठहराया था। दरअसल कम वर्षा के कारण जल की कमी थी। किसानों ने फसल सींचने के लिए जरूरत से ज्यादा बिजली का उपयोग किया और ग्रिड फेल हो गई। –
कुछ क्षेत्रों में पानी की माँग-आपूर्ति की स्थिति में असंतुलन है। शहरी क्षेत्रों में माँग 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन । (एलपीसीडी) है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में वह माँग इसकी एक-तिहाई यानी 40 एलपीसीडी है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक शहरी भारत की आबादी कुल जनसंख्या का 50 प्रतिशत बढ़ जाएगी। यानी जल की कमी वाले क्षेत्रों में 84 करोड़ लोग निवास कर रहे होंगे। अभी यह संख्या 32 करोड़ है। जल के कारण कई राज्यों में आपसी विवाद देखने को मिल चुके हैं। इनके और बढ़ने की संभावना है।
         नासा ने इस बात के लिए चेताया है कि भूजल का दोहन नियंत्रित नहीं किया गया तो संकट और गंभीर हो जाएगा। आज देश में 55 प्रतिशत भूजल-स्रोतों का उपयोग हो रहा है। सतह का जल हमें नदियों से मिलता है। बाँधों के जरिये इसका अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है। इन बाँधों के कारण कुछ नदियों का जल-प्रवाह प्रभावित हुआ है। देश की खेती में 60 प्रतिशत भूजल लग रहा है। कुल मिलाकर 80 फीसदी पानी खेती में जा रहा है। इसके अलावा शहरों में 30 फीसदी और गाँवों में 70 फीसदी आपूर्ति भूजल से ही होती है।
          भारत में कुछ विशाल नदियाँ हैं। इन नदियों के एक बड़े हिस्से का उपयोग प्राकृतिक कारणों से नहीं हो पाता। ब्रहमपुत्र । जल उपयोग के हिसाब से सबसे ज्यादा संभावना वाली नदी है, लेकिन इसका हम महज चार प्रतिशत ही उपयोग कर सकते हैं। वास्तव में यह नदी दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों से बहती है, जिससे इसके पानी का समुचित उपयोग नहीं हो पाता। भारत में नदियों के 1900 अरब क्यूबिक मीटर जल उपयोग की संभावना है, लेकिन उपयोग 700 अरब क्यूबिक मीटर ही हो पाता है। बाँधों के कारण सतह के जल पर भी असर पड़ा है।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न


प्रश्न 1: ‘रिपोर्ताजन’ शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से मानी जाती है?
उत्तर – फ्रेंच भाषा से।

प्रश्न 2: रिपोर्ताज की परिभाषा दीजिए।
उत्तर – किसी घटना का उसके वास्तविक रूप में वर्णन, जो पाठक के सम्मुख घटना का चित्र सजीव रूप में उपस्थित कर, उसे प्रभावित कर सके, रिपोर्ताज रिपोर्ट कहलाता है।

प्रश्न 3: रिपोर्ताज लेखन में क्या आवश्यक है?
उत्तर – संबंधित घटना-स्थल की यात्रा, साक्षात्कार, तथ्यों की जाँच।

प्रश्न 4: रिपोर्ताज की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर – तथ्यता, कलात्मकता, रोचकता।

प्रश्न 5: हिंदी में रिपोर्ताज प्रकाशित करने का श्रेय किस पत्रिका को है?
उत्तर – हंस को।

प्रश्न 6: रिपोर्ट की परिभाषा दीजिए।
उत्तर – किसी योजना, परियोजना या कार्य के नियोजन एवं कार्यान्वयन के पश्चात उसके ब्यौरे के प्रस्तुतीकरण को रिपोर्ट कहते हैं।

प्रश्न 7: विशेष रिपोर्ट किसे कहते हैं?
उत्तर – किसी विषय पर गहरी छानबीन, विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर बनने वाली रिपोर्टों को विशेष रिपोर्ट कहते हैं।

प्रश्न 8: विशेष रिपोर्ट के दो प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – खोजी रिपोर्ट, इन—डेप्थ रिपोर्ट।

प्रश्न 9: विशेष रिपोर्ट के लेखन में किन बातों पर अधिक बल दिया जाता है?
उत्तर – विशेष रिपोर्ट के लेखन में घटना, समस्या या मुद्दे की गहरी छानबीन की जाती है तथा महत्वपूर्ण तथ्यों को इकट्ठा करके उनका विश्लेषण किया जाता है।

प्रश्न 10: रिपोर्ट व रिपोर्ताज में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – रिपोर्ट में शुष्कता होती है, रिपोर्ताज में नहीं। रिपोर्ट का महत्व सामयिक होता है, जबकि रिपोर्ताज का शाश्वत।

प्रश्न 11: खोजी रिपोर्ट का प्रयोग कहाँ किया जाता है?
उत्तर - इस रिपोर्ट का प्रयोग आमतौर पर भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 12: इन-डेप्थ रिपोर्ट क्या होती है?
उत्तर – सुष्टि में सार्वजकि तैरप, उप्लब तथा स्वनाओं औरऑकों क छनन कके माहवर्णमुद्दों क बताया जाता है।

प्रश्न 13: विशेषीकृत रिपोर्टिग की एक प्रमुख विशेषता लिखिए।
उत्तर – इसमें घटना या घटना के महत्व का स्पष्टीकरण किया जाता है।

प्रश्न 14: रिपोर्ट-लेखन की भाषा की दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर – रिपोर्ट-लेखन की भाषा सरल व सहज होनी चाहिए। उसमें संक्षिप्तता का गुण भी होना चाहिए

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