12th Economics Chapter 5 बाजार संतुलन Notes in Hindi

12th Economics Chapter 5 बाजार संतुलन Notes in Hindi

Class : 12th
Subject : Economics (अर्थशास्त्र)
Book : Micro Economics (व्यष्टि अर्थशास्त्र)
Chapter : 5. बाजार संतुलन
Type : Notes 

बाजार संतुलन : 

जब बाजार मांग वक्र तथा बाजार पूर्ति वक्र आपस में बराबर होते है तो उस बिंदु को बाजार संतुलन कहते है।

पूर्ण प्रतिस्पर्धी में बाजार संतुलन : 

जब मांग वक्र और पूर्ति वक्र आपस में बराबर होते हैं तो बाजार संतुलन होता है।

 जब मांग वक्र और पूर्ति वक्र आपस में बराबर होते हैं तो बाजार संतुलन होता है।

जब फर्म संतुलन होता है उसी बिंदु पर कीमत और वस्तु की मात्रा का निर्धारण होता है।

🔘आधिक्य मांग (Execes Demand): 

जब संतुलित कीमत की अवस्था से कम कीमत में कमी होने के कारण पूर्ति की मात्रा में कमी और मांग की मात्रा में वृद्धि अर्थात मांग की मात्रा पूर्ति की मात्रा से अधिक हो तो उसे आधिक्य मांग कहते हैं।

D > S

आधिक्य के मांग को एक रेखाचित्र के द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।

RS - आधिक्य मांग।

🔘आधिक्य पूर्ति (Execes Supply): 

जब संतुलित कीमत की अवस्था से कीमत में वृद्धि होने के कारण पूर्ति की मात्रा में वृद्धि और मांग की मात्रा में कमी अर्थात पूर्ति की मात्रा मांग की मात्रा से अधिक हो तो अधिक की पूर्ति कहलाता है। 

 S > D

RS - आधिक्य पूर्ति।

मांग वक्र तथा पूर्ति वक्र में शिफ्ट :


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