NCERT 10th Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकास Notes in Hindi PDF Download Sansadhan evam Vikas Notes free Download

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Content : NCERT

Board : JAC Board

Class : 10th
Subject : Social Science
Book Name : समकालीन भारत - 2
Chapter : 1. संसाधन एवं विकास




Table of Contents

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 संसाधन 🔥 :-

➤हमारे पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है और जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है जो आर्थिक रूप से संभावय और सांस्कृतिक रूप से मान्य है संसाधन कहलाती है ।

जैसे : साइकिल, गाड़ी, वाहन,रेल, खनिज, पेट्रोलियम, जल, वायु, गैस, लकड़ी, फसले, मिट्टी, पत्थर, पर्वत, पठार, नदियां आदि।

संसाधन के प्रकार 🔥 :- 

➤संसाधन को विभिन्न आधारों पर विभिन्न प्रकारों में बाँटा जा सकता है ; जो नीचे दिये गये हैं : 


उत्पत्ति के आधार पर संसाधन के प्रकार 🔥:-

1. जैव संसाधन :- 

➤वैसे संसाधन जैव संसाधन कहलाते हैं जो जैव मंडल से मिलते हैं । उदाहरण : मनुष्य , वनस्पति , मछलियाँ , प्राणिजात , पशुधन , आदि । 

2. अजैव संसाधन :- 

➤वैसे संसाधन अजैव संसाधन कहलाते है जो निर्जीव पदार्थों से मिलते हैं । उदाहरण : मिट्टी , हवा , पानी , धातु , पत्थर , आदि ।


समाप्यता के आधार पर संसाधन के प्रकार 🔥:- 

1. नवीकरण योग्य संसाधन :- 

➤कुछ संसाधन ऐसे होते हैं जिन्हें हम भौतिक , रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रिया द्वारा नवीकृत या पुनः उत्पन्न कर सकते हैं । 

➤ऐसे संसाधन को नवीकरण योग्य संसाधन कहते हैं । 

➤उदाहरण : सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा , जल , जीव जंतु , आदि । 

2. अनवीकरण योग्य संसाधन :- 

➤कुछ संसाधन ऐसे होते हैं जिन्हें हम किसी भी तरीके से नवीकृत या पुन : उत्पन्न नहीं कर सकते हैं । 

➤ऐसे संसाधन को अनीवकरण योग्य संसाधन कहते हैं । 

➤उदाहरण : जीवाष्म ईंधन , धातु , आदि । 

➤इन संसाधनों के निर्माण में लाखों वर्ष लग जाते हैं । इसलिए इनका नवीकरण करना असंभव होता है । 

➤इनमें से कुछ संसाधनों को पुन : चक्रीय किया जा सकता है , जैसे कि धातु।

➤कुछ ऐसे संसाधन भी होते हैं जिनका पुन : चक्रीकरण नहीं किया जा सकता है , जैसे कि ; जीवाष्म ईंधन ।


स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के प्रकार 🔥:- 

1. व्यक्तिगत संसाधन :- 

➤वैसे संसाधन व्यकतिगत संसाधन कहलाते हैं जिनका स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है । 

➤उदाहरण : किसी किसान की जमीन , घर , आदि ।

2. सामुदायिक संसाधन :- 

➤वैसे संसाधन सामुदायिक संसाधन कहलाते हैं जिनका स्वामित्व समुदाय या समाज के पास होता है । 

➤उदाहरण : चारागाह , तालाब , पार्क , श्मशान , कब्रिस्तान , आदि । 

3. राष्ट्रीय संसाधन :- 

➤वैसे संसाधन राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं जिनका स्वामित्व राष्ट्र के पास होता है । 

➤उदाहरण : सरकारी जमीन , सड़क , नहर , रेल , आदि ।

4. अंतर्राष्ट्रीय संसाधन :- 

➤वैसे संसाधन अंतर्राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं जिनका नियंत्रण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है । 

➤किसी भी देश की तट रेखा से 200 किमी तक के समुद्री क्षेत्र पर ही उस देश का नियंत्रण होता है । 

➤उसके आगे के समुद्री क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय संसाधन की श्रेणी में आता है । 


विकास के स्तर के आधार पर संसाधन के प्रकार 🔥:-

style="color: #660000;">1. संभावी संसाधन :- 

➤किसी भी देश या क्षेत्र में कुछ ऐसे संसाधन होते हैं जिनका उपयोग वर्तमान में नहीं हो रहा होता है । इन्हें संभावी संसाधन कहते हैं । 

➤उदाहरण : गुजरात और राजस्थान में उपलब्ध सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा।

2. विकसित संसाधन :- 

➤वैसे संसाधन विकसित संसाधन कहलाते जिनका सर्वेक्षण हो चुका है और जिनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित हो चुकी है । 

3. भंडार :- 

➤कुछ ऐसे संसाधन होते हैं जो उपलब्ध तो हैं लेकिन उनके सही इस्तेमाल के लिये हमारे पास उचित टेक्नॉलोजी का अभाव है । ऐसे संसाधन को भंडार कहते हैं । 

➤उदाहरण : हाइड्रोजन ईंधन । 

➤अभी हमारे पास हाईड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल लिये उचित टेक्नॉलोजी नहीं है । 

4. संचित कोष :- 

➤यह भंडार का हिस्सा होता है । 

➤इसके उपयोग के लिये टेक्नॉलोजी तो मौजूद है लेकिन अभी उसका सही ढंग से इस्तेमाल नहीं हो रहा है । 

➤उदाहरण : नदी के जल से पनबिजली परियोजना द्वारा बिजली निकाली जा सकती है । 

➤लेकिन वर्तमान में इसका इस्तेमाल सीमित पैमाने पर ही हो रहा है ।


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