JAC 9th Hindi Model Paper Set 1 Solution Term 2 Exam 2022

JAC 9th Hindi Model Paper Set 1 Solution Term 2 Exam 2022





 

A. नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दें 2x3 = 6 ' 

दैनिक जीवन में हम अनेक लोगों से मिलते हैं , जो विभिन्न प्रकार के काम करते हैं- सड़क पर ठेला लगाने वाला , दूध वाला , नगर निगम में सफाई कर्मी , कार्यालय कर्मी , स्कूल अध्यापक , हमारे हकर्मी और कई अन्य लोग । शिक्षा , वेतन , परंपरागत चलन और व्यवसाय के स्तर पर कुछ लोग निम्न स्तर पर कार्य करते हैं , तो कुछ उच्च स्तर पर । वास्तव में पद महत्त्वपूर्ण नहीं होता बल्कि कार्य के प्रति समर्पण | और ईमानदारी से किए गए कार्य में पारदर्शिता ही महत्त्वपूर्ण होती  है । इस संदर्भ में गाँधी जी से अच्छा और उत्कृष्ट उदाहरण किसका दिया जा सकता है , जिन्होंने अपने हर कार्य को गरिमामयी माना । उन्होंने अपने सहयोगियों को श्रम की महिमा बतलाई । दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने सफाई करने जैसे कार्य को भी कभी नीचा नहीं समझा और इसी कारण स्वयं उनकी पत्नी कस्तुरबा से भी उनके मतभेद हो गए थे । बाबा आमटे ने भी समाज द्वारा तिरस्कृत कुष्ठ रोगियों की सेवा में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया । सुंदरलाल बहुगुणा ने अपने प्रसिद्ध " चिपको आंदोलन " के माध्यम से पेड़ों को संरक्षण प्रदान किया । इनमें से किसी ने भी कभी कोई सत्ता प्राप्त नहीं की , बल्कि अपने जनकल्याणकारी कार्यों से लोगों के दिलों में शासन किया और अमर हो गए । 

1 गाँधीजी की पत्नी का क्या नाम था ? 

उत्तर- कस्तुरबा गाँधी ।

 2 दैनिक जीवन में लोगों को हम कौन - कौन से कार्य करते हुए देखते हैं ? 

उत्तर - दैनिक जीवन में हम अनेक लोगों से मिलते हैं , जो विभिन्न प्रकार के काम करते हैं- सड़क पर ठेला लगाने वाला , दूध वाला , नगर निगम में सफाई कर्मी , कार्यालय कर्मी , स्कूल अध्यापक , हमारे सहकर्मी और कई अन्य लोग । 

3 बाबा आमटे और सुंदरलाल बहुगुणा अपने किन - किन कार्यों के लिए जाने जाते हैं ? 

उत्तर - 

बाबा आमटे ने भी समाज द्वारा तिरस्कृत कुष्ठ रोगियों की सेवा में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया । 

सुंदरलाल बहुगुणा ने अपने प्रसिद्ध " चिपको आंदोलन " के माध्यम से पेड़ों को संरक्षण प्रदान किया । 

4 • निम्नांकित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश् के उत्तर दें- 3x4 = 12 

( क ) बालिका मैना ने सेनापति ' हे ' को अपने कौन - कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया ? 

उत्तर- बालिका मैना ने सेनापति ' हे ' को निम्नांकित तर्क देकर महल की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया -

( क ) इस जड़ पदार्थ महल ने आपका कोई अपराध नहीं किया है , अतः इसका विध्वंस नहीं होना चाहिए ।

( ख ) जिन्होंने आपके विरुद्ध शस्त्र उठाए हैं . मैं भी उन्हें दोषी मानती हूँ । आप उन्हें सजा दीजिए । 

( ग ) यह स्थान मुझे बहुत प्रिय है । 

( घ ) मैं आपकी पुत्री मेरी की सहेली हूँ । वह यहाँ आया करती थी और तब आप भी यहाँ आते थे । 


( ख ) महादेवी वर्मा उर्दू फारसी क्यों नहीं सीख पाई ? 

उत्तर- लेखिका के परिवार में उनके बाबा ही फारसी और उर्दू जानते थे । वे चाहते थे कि लेखिका भी उर्दू - फारसी सीख ले । परंतु लेखिका की न तो उसमें रुचि थी और न ही उन्हें यह लगा कि वे इसे पाएँगी । एक दिन मौलवी साहब पढाने आए तो वे चारपाई के नीचे छीपी । उसके बाद वे नहीं आए । इस तरह लेखिका उर्दू - फारसी नहीं सीख पाई । 


( ग ) कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी ? 

उत्तर : कोयल की कूक सुनकर कवि को लगा कि जैसे वह किसी का संदेश लाई है , इसलिए कवि उससे कहता है कि तुम चुप क्यों हो जाती ( रह - रह जाती ) हो । कोयल ! स्पष्ट बोलो । 


( घ ) बच्चे काम पर जा रहे हैं " कविता के आधार पर कवि क्या बतलाना चाह रहा है ? 

उत्तर- इस कविता में कवि ने समाज को जगाने के लिए दो प्रकार के प्रयत्न किए हैं । पहले उन्होंने सुबह - सुबह कोहरे में काम पर जाते बच्चों का चित्र प्रस्तुत किया है । इससे पाठकों के हृदय में करुणा उपजाने का प्रयास किया है । दूसरे , उन्होंने संवेदनाशून्य समाज पर व्यंग्य किया लोग बाल मजदूरी को देखकर चिंतित नहीं होते । वे इसे सामान्य बात कहकर टाल देते हैं । कवि ने इस भावनाशून्यता को भयानक ' कहा है । इस प्रकार उन्होंने सफलतापूर्वक समाज को जगाने का प्रयत्न किया है । समाज 


( ङ ) सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था ? 

उत्तर- सखी ने गोपी से सिर के ऊपर मोर पंख और गले में गुंजा की माला धारण किए शरीर पर पीतांबर ओढ़े और हाथ में गायों को चराने की लकुटी लिए ग्वाल बालों के साथ वन में विचरण करते हुए कृष्ण का रूप धारण करने का आग्रह किया था । 


( च ) मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अँग्रेज उसे नष्ट करना चाहते थे क्यों ? 

उत्तर- मैना वहाँ रहती थी । वह मकान मैना को बहुत प्रिय था । अतः वह उसे बचाना चाहती थी । अंग्रेज उसे नष्ट कर देने पर तुले हुए थे । क्योंकि वह नाना साहब का निवास स्थान था और अंग्रेज नाना साहब पर बहुत क्रोधित थे । अंग्रेज हर उस चीज को नष्ट कर देना चाहते थे जिसका संबंध नाना के साथ था । 


5 निम्नांकित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दें- 3x2 = 6 

( क ) " रीढ़ की हड्डी " शीर्षक एकांकी के द्वारा लेखक ने समाज के किन बुराइयों की ओर संकेत किया है ? 

उत्तर- रीढ़ की हड्डी ' एकांकी के माध्यम से लेखक ने समाज में व्याप्त मध्यम वर्ग में बेटी की शादी की को उजागर करने के साथ उन स्वार्थी अवसरवादी व्यवहारवादी लोगों पर व्यंग्य करना है , जो पैसों के बल पर , पुरुष प्रधान समाज के बल पर सब कुछ खरीदने का झूठा भ्रम रखते हैं । ऐसे लोगों को सबक सिखाने के उद्देश्य से ही यह एकांकी लिखी गई है । 


( ख ) गरीब आदमी का शमशान नहीं उजड़ना चाहिए ? आशय स्पष्ट करें । 

उत्तर- टिहरी बाँध की सुरंगों के बंद होने से शहर में पानी भर गया । लोगों के घर तो बाढ़ में डूबे ही , साथ में सारे शमशान घाट तक डूब गए । इस पर माटी वाली औरत का कहना है- " गरीब आदमी का शमशान नही उजड़ना चाहिए । " इस कथन का आशय यह है कि बाढ़ जैसी आपदाओं से गरीब का झोंपड़ा नष्ट नहीं होना चाहिए । उनके आवास तो वैसे ही शमशान की तरह हैं जहाँ वे रोज मर - मर कर 


( ग ) समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु आप जीते हैं । इनके उजड़ जाने पर भला उन्हें कहाँ शरण मिलेगी । कौन - कौन से प्रयास कर सकते हैं ? 

उत्तर- वर्तमान समाज चाहे कितना ही शिक्षित हो जाए , लेकिन स्त्रियों के • मामले में उनके विचार अभी भी पिछड़े हुए , दकियानूसी हैं । शिक्षा के नाम पर उन्हें एक तरफ रख दिया जाता है । ऐसे समाज में उन्हें • गरिमा दिलाने के लिए मैं स्त्रियों की शिक्षा , रोजगार , सम्मान के • लिए कार्य करूंगा । विकास के सभी क्रम में उनका साथ दूंगा ।


6. चार दिनों के अवकाश हेतु प्रधानाचार्य को एक आवेदन पत्र लिखें । 

 उत्तर- 

सेवा में , 

             प्रधानाचार्य 

             जिला स्कूल , राँची ।  

विषय-    चार दिन के अवकाश के लिए प्रार्थना - पत्र | 

महोदय , 

             कल अचानक मेरा स्वास्थ्य खराब हो गया । स्कूल से लौटते हुए चिलचिलाती धूप लगने से मुझे जोर का सिर दर्द हुआ , जिससे मैं बेचैन हो उठा । मुझे अब काफी शारीरिक कमजोरी अनुभव हो रही है । मैं स्कूल आने की स्थिति में नहीं हूँ । डॉक्टर ने भी मुझे पूर्ण विश्राम का परामर्श दिया है 

            कृपया मुझे आज का अवकाश प्रदान कर अनुगृहीत करें । • 

आपका आज्ञाकारी छात्र 

प्रत्युष कुमार।              

दिनांक- 10/04/2022


अथवा 

अपनी छोटी बहन को समय के सदुपयोग की सलाह देते हुए एक पत्र लिखें । 

दिनांक- 15 सितम्बर , 2021 

प्रिय श्रेया , 

               शुभाशीष । 

               कल ही तुम्हारी सहेली सुनीता मुझसे मिली थी । उसकी बातों से मुझे यह आभास हुआ कि इन दिनों तुम समय का पूर्ण उपयोग नहीं कर रही हो तथा पढ़ाई में मेहनत भी नहीं कर रही हो । श्रेया , अभी तुम्हारा एक - एक मिनट अत्यंत कीमती है । अच्छे परीक्षाफल के द्वारा ही तुम अपने भविष्य की ठोस आधारशिला रख सकती हो । याद रखो , जो व्यक्ति अपने जीवन का प्रत्येक क्षण सदुपयोग करता है वह भाग्यवान बनता चला जाता है । जो अनवरत परिश्रम करता है वही उन्नति की सीढ़ियों पर निरन्तर चला जाता है । ऐसा व्यक्ति ही जीवन में सदा प्रसन्न , संतुष्ट और सम्पन्न रहता है । विद्यार्थी के के लिए तो समय के सदुपयोग और सही दिशा में कड़ी मेहनत की और भी अधिक आवश्यकता है 

              आशा है तुम इन बातों को ध्यान में रखोगी । स्वर्णिम भविष्य तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है , शुभकामानाओं के साथ 

तुम्हारा भाई , 

राकेश ।        


7 दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर निम्नांकित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखें- ( शब्द सीमा- 150 ) 6x1 = 6 

पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या संकेत बिन्दु- अर्थ , प्रदूषण के प्रकार , प्रदूषण के कारण सुधार के उपाय , उपसंहार ) 

उत्तर- 

भूमिका- विज्ञान के इस युग में मानव को जहाँ कुछ वरदान मिले है , यहाँ कुछ अभिशाप भी मिलें हैं । प्रदूषण भी एक ऐसा अभिशाप है।जो विज्ञान की कोख में से जन्मा है और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर है । 

प्रदूषण का अर्थ- प्रदूषण का अर्थ है- प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना । न शुद्ध वायु मिलना , न शुद्ध जल मिलना , न शुद्ध खाद्य मिलना , न शांत वातावरण मिलना । प्रदूषण कई प्रकार का होता है । 

प्रमुख प्रदूषण हैं- वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण । 

प्रदूषण के प्रकार - 

वायु प्रदूषण महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला हुआ है । वहाँ चौबीसों घंटे कल - कारखानों का धुआँ , मोटर वाहनों का काला धुआँ इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में साँस लेना दूभर हो गया है । यह समस्या वहाँ अधिक होती है जहाँ सघन आबादी होती है , वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है । 

जल - प्रदूषण– कल - कारखानों को दूषित जल नदी - नालों में मिलकर । भयंकर जल प्रदूषण पैदा करता है । बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गंधित जल सब नदी - नालों में घुल - मिल जाता है । इससे अनेक बीमारियाँ पैदा होती हैं ।

ध्वनि प्रदूषण - मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए । परंतु आजकल कल - कारखानों का शोर यातायात का शोर , मोटर गाड़ियों की चिल्ल - पों , लाउडस्पीकरों की कर्णभेदी ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया हैं । 

प्रदूषण के कारण प्रदूषण को बढ़ाने में कल - कारखाने , वैज्ञानिक साधनों का अधिकाधिक उपयोग , फ्रिज , कूलर , वातानुकूलन , ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं । प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है । वृक्षों को अंधाधुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है । 

प्रदूषणों के दुष्परिणाम भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए , कितने ही अपंग हो गए । पर्यावरण प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है , न सर्दी - गर्मी का चक्र ठीक चलता है । सूखा , बाढ़ , ओला आदि प्राकृतिक प्रकोपों का कारण भी प्रदूषण है । 

प्रदूषण रोकने के उपाय - विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों से बचने के • लिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाना चाहिए । आबादी वाले क्षेत्र खुले हों , हवादार हों , हरियाली से ओतप्रोत हों । कल - कारखाने को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को • नष्ट करने के उपाय सोचने चाहिए । 


अथवा , 

कम्प्यूटर एक वरदान ( संकेत बिन्दु- भूमिका , आविष्कार , उपयोग , दुष्परिणाम , उपसंहार ) 

उत्तर- 

भूमिका- वर्तमान युग कम्प्यूटर - युग है । यदि भारतवर्ष पर नजर दौड़ाकर देखें तो हम पाएँगे कि आज जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर का प्रवेश हो गया है । बैंक , रेलवे स्टेशन , हवाई अड्डे , डाकखाने , बड़े - बड़े उद्योग , कारखाने , व्यवसाय , हिसाब - किताब , रुपए गिनने की मशीनें तक कम्प्यूटरीकृत हो गई हैं । अब भी यह कम्प्यूटर का प्रारंभिक प्रयोग है । आने वाला समय इसके विस्तृत फैलाव का संकेत दे रहा है । 

आविष्कार- इस पागल गति को सुव्यवस्था देने की समस्या आज की प्रमुख समस्या है । कहते हैं , आवश्यकता आविष्कार की जननी है । इस आवश्यकता ने अपनी अव्यवस्था को व्यवस्था में बदल सकता है । हड़बड़ी में होने वाली मानवीय भूलों के लिए कम्प्यूटर रामबाण औषधि है । क्रिकेट के मैदान में अम्पायर की निर्णायक भूमिका हो , या लाखों - करोड़ों - अरबों की लम्बी - लम्बी गणनाएँ , कम्प्यूटर पलक झपकते ही आपकी समस्या हल कर सकता है । पहले इन कामों के करने वाले कर्मचारी हड़बडाकर काम करते थे ; एक भूल से घबडाकर और अधिक गड़बड़ी करते थे । परिणामस्वरूप काम कम , तनाव अधिक होता था । अब कम्प्यूटर की सहायता से काफी सुविधा हो गई है।

उपयोग- कम्प्यूटर ने फाइलों की आवश्यकता कम कर दी है । कार्यालय की सारी गतिविधियाँ फ्लॉपी में बंद हो जाती है । इसलिए फाइलों के स्टोरों की जरूरत अब नहीं रही । अब समाचार पत्र भी इन्टरनेट के माध्यम से पढ़ने की व्यवस्था हो गई है । विश्व के किसी कोने में छपी पुस्तक , फिल्म , घटना की जानकारी इंटरनेट पर ही उपलब्ध है । एक समय था जब कहते थे कि विज्ञान ने संसार को कुटुम्ब बना दिया है । कम्प्यूटर ने तो मानो उस कुटुम्ब को अपने कमरे में उपलब्ध करा दिया है । संभव है , कम्प्यूटर की सहायता से आप मनचाहे सवाल का जवाब दूरदर्शन या इंटरनेट से ले पाएँ । शारीरिक रूप से न सही , काल्पनिक रूप से जिस मौसम का , जिस प्रदेश का आनंद उठाना चाहें उठा सकें । 

कम्प्यूटर के दुष्परिणाम- विज्ञान का कोई भी आविष्कार हो उसके फायदे हैं तो कुछ दुष्परिणाम भी हैं । जैसे- आँखों का खराब होना , डिप्रेशन का शिकार होना , यादाश्त कमजोर होने से विद्यार्थियों पर कुप्रभाव पड़ना , समय का दुरूपयोग , एकाग्रता की कमी , डाटा खराब होना , डाटा चोरी होना आदि कुछ कम्प्यूटर के दुष्परिणाम हैं । उपसंहार- आज कम्प्यूटर ने मानव जीवन को सुविधा , सरलता , सुव्यवस्था और सटीकता प्रदान की है । अतः मनुष्य को कम्प्यूटर का सुरक्षित उपयोग कर कम्प्यूटर के दुष्परिणाम से बचा जा सकता है । 


अथवा , 

स्वच्छता का महत्व ( संकेत बिन्दु- भूमिका , अर्थ , लाभ , स्वच्छ न रहने के दुष्परिणाम , उपसंहार ) 

उत्तर- 

भूमिका- स्वच्छता का तात्पर्य है , अपने घर , पर्यावरण और आस - पास में साफ सफाई रखना । खुद को शारीरिक तौर पर साफ रखना । स्वच्छता जिंदगी में बहुत आवश्यक है । साफ सफाई सिर्फ नहाने और हाथ धोने से नहीं होता है बल्कि आस पड़ोस से लेकर मोहल्ले और शहर को साफ सुथरा रखना भी होता है । कचरा और कूड़ा कूड़ेदान में फेंकना जरूरी होता है । अगर मनुष्य स्वच्छता का हर रोज और हर समय पालन करता है , तो वह विभिन्न प्रकार के बीमारियों से दूर रहता है । अच्छे स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए • साफ सफाई बहुत जरूरी है । हर परिवार के प्रत्येक सदस्य को स्वच्छता के विषय में जागरूक करना अनिवार्य है । सबसे पहले बच्चों को स्वच्छता के बारे में समझाना होगा । वायु मिट्टी , जल प्रदूषण को सिर्फ मनुष्य नियंत्रित कर सकता है । यह मनुष्य द्वारा उत्पन्न की गई समस्याएँ हैं । 

अर्थ , हर मनुष्य को स्वच्छता के राह पर चलना चाहिए अर्थात् अपनी सफाई खुद करनी चाहिए । सिर्फ घर की सफाई नहीं बल्कि अपने आस पड़ोस में गंदगी ना हो , यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है । भारत विविधताओं का देश है । यहाँ विभिन्न धर्म के लोग और धर्म अनुयायी निवास करते हैं । हर धर्म में साफ सफाई का महत्व समझाया गया है । इसलिए प्रातःकाल की धार्मिक स्थलों की सफाई की जाती है । 

लाभ- हमें हमेशा अपने घर और बगीचे को साफ रखने की जरूरत है । जब मेहमान आएँगे तब उन्हें भी खुशी होगी और दूसरों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा । घर की स्वच्छता से बच्चों को भी सीख मिलेगी कि वह अपने आस - पास के स्थानों को साफ रखे । बच्चे अपने बड़ों से सीखते हैं । स्वच्छता रखने से मनुष्य का मन और मस्तिष्क खुश रहता है और हर कार्य में मन लगता है । स्वच्छता सिर्फ तन से ही नहीं बल्कि मन से भी जुड़ी होती है । स्वच्छता से मनुष्य एक सभ्य और रोगमुक्त समाज का निर्माण कर सकता है । प्रदूषण को रोकना भी अनिवार्य है । वायु और पर्यावरण हर दिन अस्वच्छ हो रहे हैं । इसका ध्यान भी रखने की जरूरत है । देश में स्वच्छता अभियान का आरम्भ राष्ट्रपिता गाँधीजी ने किया था । इसे आगे चलकर नरेन्द्र मोदीजी ने सफल बनाया । जितनी अधिक साफ सफाई होगी उतना जल प्रदूषण कम होगा । लोग




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